पंचायत चुनाव : शिवराज सरकार पर हाई कोर्ट सख्त, मांगा जवाब, चुनाव आयोग को भी भेजा नोटिस
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मध्यप्रदेश में अधिकांश पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो चुका हैं। बावजूद इसके पंचायत चुनाव पर रोक लगाई जा रही हैं। इस मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इंदौर हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस भेजा हैं। इंदौर हाई कोर्ट द्वारा पूछा गया है कि जब प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव करवाई जा सकती है तो पंचायत चुनाव कराने में इतनी देरी क्यों हो रही हैं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी स्पष्ट किया जा चुका है कि ग्राम पंचायत राज्य सरकार के अधीन संस्थाओं में नहीं सम्मिलित होती हैं। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों की केवल मॉनिटरिंग की जा सकती है बल्कि पंचायत चुनाव के फैसले नहीं कर सकती।
इधर, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट इंदौर बेंच ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजा हैं। इसके साथ ही साथ साथ शिवराज सरकार से भी जवाब तलब किया हैं। वहीं सरकार को जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया गया हैं। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह प्रदेश में जल्दी पंचायत चुनाव करवाएं।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट में धार जिले के सरदारपुर निवासी द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि महामारी के नाम पर सरकार पंचायत चुनाव टल रही है लेकिन प्रदेश में विधानसभा सीटों पर उपचुनाव करवाए गए हैं। जनहित याचिका में कहा गया था कि शहरों के मुकाबले गांव में कोरोना महामारी के संक्रमण कम हैं। ऐसी स्थिति में जल्द ही प्रदेश में पंचायत चुनाव करवाए जाने चाहिए।