पेट्रोल-डीजल व गैस के बाद अब इस शहर में 12 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ सकती है दूध की कीमतें, जानें क्या है वजह
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पेट्रोल- डीजल के बढ़ते दामों की वजह से आम आदमी को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दिन पर दिन रोजमरा की चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं. रसोई गैस सिलेंडर, सब्जियां और अब दूध भी महंगा होने जा रहा है. रतलाम में कुछ गांव के दूध उत्पादकों ने कीमतें बढ़ाने का फैसला लिया है.
दरअसल, मंगलवार हुई बैठक में करीब 25 गांवों के दूध उत्पादक शामिल हुए. उन्होंने 1 मार्च से दूध के दाम 55 रुपए प्रति लीटर करने का निर्णय लिया है.
पेट्रोल-डीजल गैस के बाद दूध के दाम भी बढ़ेंगे?
भारत में पेट्रोल-डीजल की बढ़ते दामों की वजह से दूध उत्पादकों ने ये फैसला लिया है. उनका मानना है कि ट्रांसपोर्टेशन चार्ज बढ़ा है, पशु आहार भी महंगा हुआ है. दूध के भाव नहीं बढ़ाने को मंजूरी नहीं मिली तो वे सप्लाई बंद कर देंगे. कोरोना काल से पहले भी दूध उत्पादकों ने दूध के दाम बढ़ाने का फैसला लिया था, लेकिन शहर में वेंडर्स के साथ सहमति नहीं बन पाई थी. तब 2 रुपए प्रति लीटर दाम बढ़ाने की बात हुई थी, लेकिन कोरोना काल में लोगों की परेशानियों को देखते हुए दूध के दाम नहीं बढ़ाए गए थे.
रतलाम में 25 गांवों के दूध उत्पादकों की बैठक
रतलाम दूध उत्पादक संघ के अध्यक्ष हीरालाल चौधरी ने बताया कि हम 25 गांवों के दूध उत्पादकों ने मंगलवार को बैठक की. हमारी मांग दूध के दाम बढ़ाने को लेकर है. पिछले साल कोरोना के कारण दूध के भाव नहीं बढ़ाए गए थे, लेकिन अब पेट्रोल-डीजल की वजह से खल और भूसा का भाव बढ़ गया है.
भैंस हमको 1 से 1.5 लाख में मिलती है. अभी दूध उत्पादकों द्वारा भाव 43 रुपए प्रति लीटर है, इसलिए हमने दूध का भाव 55 रुपए प्रति लीटर करने का फैसला किया है. आगे शहर के दूध विक्रेताओं से जो सहमति बनेगी, तब देखेंगे.
प्रति लीटर 12 रुपए तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव
मूंदड़ी गांव के दूध उत्पादक ने बताया कि किसान के पास गेंहू भी सस्ता है और दूध भी सस्ता. हमें 1 भैंस पालने में 400 रुपए रोजाना का खर्च आता है. हालात ये हैं कि कई को अपनी भैंस बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है.